नम्मा गार्डन: मंगलुरु में एक इंजीनियर का 3,000 पौधों वाला मिनी जंगल।

परिचय: प्रकृति से प्यार की अनोखी कहानी

मंगलुरु के दिल में, 28 साल के इंजीनियर-से-माली बने ज्ञान शेट्टी ने अपने घर को 3,000 से अधिक पौधों के साथ एक खूबसूरत मिनी जंगल में बदल दिया है। जो काम बचपन में उनकी माँ के साथ बगीचे में मदद करने का एक छोटा सा काम था, वह आज नम्मा गार्डन के रूप में एक फलता-फूलता ऑनलाइन नर्सरी व्यवसाय बन चुका है। आइए, जानते हैं उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा के बारे में।

बचपन से शुरू हुई बागवानी की कहानी

ज्ञान को बागवानी का शौक अपनी माँ, शोभा शेट्टी, से विरासत में मिला। बचपन में, वह अपनी माँ के साथ बगीचे में पानी डालने का बहाना बनाकर खेला करते थे। लेकिन धीरे-धीरे, माँ के मार्गदर्शन में, पौधों की शांत और जादुई दुनिया ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया।उनकी एक खास याद आज भी उनके चेहरे पर मुस्कान लाती है। ज्ञान बताते हैं, “मेरी नानी के लॉन में एक बड़ा प्लूमेरिया (चंपा) का पेड़ था। एक दिन, मैंने उसकी टहनी तोड़कर अपने घर की छत पर एक गमले में लगाई। बाद में, हमने उसे अपने मौजूदा घर के पास जमीन में लगाया। आज वह एक बड़ा पेड़ बन चुका है।”हालांकि, ज्ञान ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और तीन साल तक कॉरपोरेट नौकरी भी की, लेकिन पौधों का आकर्षण कभी कम नहीं हुआ।

कोविड-19 ने बदली जिंदगी

2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया ठहर सी गई, ज्ञान ने अपनी जड़ों की ओर वापसी की। उनकी माँ ने बगीचे की जिम्मेदारी कम कर दी थी, और ज्ञान ने पूरे उत्साह के साथ इसे संभाला। उन्होंने अपने बगीचे की तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा करना शुरू किया।

लोगों का प्यार और प्रतिक्रिया देखकर वे हैरान रह गए। बेंगलुरु, मैसूर, हैदराबाद, और देश के अन्य हिस्सों से प्लांट लवर्स ने उनके पास ऑर्डर और प्रेरणादायक संदेश भेजे। इस उत्साह ने उन्हें नम्मा गार्डन को आधिकारिक तौर पर जनवरी 2022 में लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया। यह नर्सरी उनके घर के पास सात सेंट की जमीन पर शुरू हुई।

नम्मा गार्डन: हरियाली का खजाना

आज, नम्मा गार्डन में इनडोर फ्लावरिंग प्लांट्स, ऑर्नामेंटल प्लांट्स, वॉटर प्लांट्स, और फलदार पौधों की विस्तृत रेंज उपलब्ध है। आम, कटहल, रमबूटन, अनार—आप नाम लें, और नम्मा गार्डन में वह मिलेगा!

ज्ञान का बगीचा पूरी तरह से 100% ऑर्गेनिक है। वे किचन वेस्ट से बनी खाद का उपयोग करते हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि पौधों को भी स्वस्थ रखता है। उनके घर की छत, बालकनी, लिविंग रूम, और यहाँ तक कि बेडरूम भी हरियाली से भरा हुआ है। यह न सिर्फ एक ठंडक देने वाला सिस्टम है, बल्कि एक जीवंत और सांस लेती हुई सफलता की कहानी है।

माँ की प्रेरणा और ज्ञान का जुनून

ज्ञान अपनी माँ को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा मानते हैं। उनकी माँ की बागवानी की समझ और अनुभव ने नम्मा गार्डन को एक नई ऊँचाई दी है। ज्ञान कहते हैं, “अगर आपके पास थोड़ा सा जुनून है, तो आप एक पूरा जंगल उगा सकते हैं!”

उनका यह संदेश हर उस व्यक्ति के लिए है, जो प्रकृति से जुड़ना चाहता है। चाहे आपके पास छोटा सा गमला हो या बड़ा बगीचा, हर पौधा आपके जीवन में हरियाली और शांति ला सकता है।

क्यों है नम्मा गार्डन खास?

  • विविधता: फलदार, सजावटी, और इनडोर पौधों की विस्तृत रेंज।
  • ऑर्गेनिक बागवानी: रसायन-मुक्त खेती और किचन वेस्ट से खाद।
  • ऑनलाइन सुविधा: इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स के जरिए आसान ऑर्डर।
  • प्रेरणादायक कहानी: एक इंजीनियर का प्रकृति के प्रति समर्पण।

कैसे शुरू करें अपनी बागवानी?

अगर आप भी अपने घर में हरियाली लाना चाहते हैं, तो ज्ञान के कुछ टिप्स आपके लिए:

छोटे से शुरू करें: एक गमले में तुलसी या मनी प्लांट लगाएं।ऑर्गेनिक रहें: किचन वेस्ट से खाद बनाएं और रसायनों से बचें।

प्यार दें: पौधों को नियमित पानी और देखभाल दें, वे आपका प्यार लौटाएंगे।

सीखें और बढ़ें: यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर बागवानी टिप्स देखें।

नम्मा गार्डन से जुड़ें

आप नम्मा गार्डन के इंस्टाग्राम पेज पर जाकर उनके खूबसूरत पौधों को देख सकते हैं और ऑर्डर कर सकते हैं। चाहे आप बेंगलुरु में हों या भारत के किसी अन्य कोने में, नम्मा गार्डन आपके दरवाजे तक हरियाली पहुँचाएगा।

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निष्कर्ष: प्रकृति के साथ एक नया रिश्ता

ज्ञान शेट्टी और उनकी माँ शोभा की कहानी हमें सिखाती है कि जुनून और मेहनत से कुछ भी संभव है। नम्मा गार्डन सिर्फ एक नर्सरी नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। तो, आज ही अपने घर में एक पौधा लगाएं और हरियाली की इस यात्रा का हिस्सा बनें।

क्या आपने कभी बागवानी की कोशिश की है? अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करें!

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