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अशोक खेमका: एक ईमानदार IAS अधिकारी की प्रेरणादायक जीवनगाथा | Ashok Khemka Biography in Hindi

अशोक खेमका (Ashok Khemka) भारत के उन गिने-चुने IAS अधिकारियों में से हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अटल लड़ाई से देशभर में पहचान बनाई। 34 साल की सेवा में 57 बार ट्रांसफर और कई विवादों के बावजूद, उन्होंने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। इस ब्लॉग में, हम उनकी जीवनी, शिक्षा, करियर, व्यक्तिगत जीवन, और समाज पर उनके प्रभाव को विस्तार से जानेंगे।

व्यक्तिगत जानकारी (Personal Details)

अशोक खेमका का जन्म एक साधारण मारवाड़ी परिवार में हुआ, जो 1900 के आसपास राजस्थान के झुंझुनू से कोलकाता आया था। उनके पिता, शंकर लाल खेमका, एक जूट मिल में अकाउंटेंट थे।

शिक्षा (Educational Background)

अशोक खेमका की शैक्षिक उपलब्धियाँ उनकी मेहनत और बुद्धिमत्ता का प्रमाण हैं:

उनकी शैक्षिक योग्यता उन्हें प्रशासनिक और तकनीकी मामलों में विशेषज्ञ बनाती है।

करियर अवलोकन (Career Overview)

अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। 30 अप्रैल, 2025 को 34 साल की सेवा के बाद रिटायर होने तक, उन्हें 57 बार ट्रांसफर किया गया, जो हरियाणा में किसी भी नौकरशाह के लिए दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। उनकी सबसे छोटी पोस्टिंग केवल 11 दिन की थी।

प्रमुख मील के पत्थर (Key Milestones)

शुरुआती करियर

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई

रॉबर्ट वाड्रा-DLF लैंड डील (2012)

अन्य लैंड स्कैम

हरियाणा सीड्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSDC)

अन्य उल्लेखनीय कार्य

विवाद और आरोप (Controversies and Chargesheets)

2012: वाड्रा-DLF डील रद्द करने पर हरियाणा सरकार ने उन पर वाड्रा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और अवैध रूप से डील रद्द करने का आरोप लगाया।

2013: HSDC में कर्तव्यों में विफलता और कम बीज बिक्री के लिए दो चार्जशीट दायर की गईं।

2022: पूर्व IAS अधिकारी रोशन लाल ने खेमका पर हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति का आरोप लगाया।

2024: संजीव वर्मा ने 12-14 साल पहले वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में नियुक्तियों में अनियमितताओं के लिए खेमका के खिलाफ आपराधिक केस की सिफारिश की।

मार्च 2024: सुप्रीम कोर्ट ने खेमका को दी गई उच्च ACR ग्रेड से संबंधित हाई कोर्ट के फैसले को रद्द किया।

पुरस्कार और सम्मान (Awards and Recognition)

व्यक्तिगत जीवन और दर्शन (Personal Life and Philosophy)

जीवनशैली: खेमका 1997 से चंडीगढ़ में दो बेडरूम के सरकारी क्वार्टर में रहते हैं, हालांकि वे 2007 से बड़े आवास के हकदार थे।

परिवार: उनकी पत्नी ज्योति ने वाड्रा केस के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उनका बड़ा बेटा हैदराबाद में कानून की पढ़ाई कर रहा है, और छोटा बेटा 2012 तक चंडीगढ़ में कक्षा 11 में था।

दर्शन: खेमका खुद को “ईमानदार” कहलाना पसंद नहीं करते। उनका मानना है कि सिविल सेवक, चाहे वह प्रधानमंत्री हों या मुख्यमंत्री, जनता के सेवक हैं, न कि मालिक।

राजनीतिक रुख: उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के राजनीति में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि वे 60 साल की उम्र से पहले राजनीति पर विचार नहीं करेंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

अशोक खेमका की जीवनी एक ऐसी कहानी है, जो साहस, ईमानदारी, और सिद्धांतों की ताकत को दर्शाती है। उनके 57 ट्रांसफर और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ने उन्हें “The IAS Officer Who Dares” की उपाधि दी। उनकी विरासत हमें सिखाती है कि सच्चाई और नैतिकता के रास्ते पर चलना आसान नहीं, लेकिन असंभव भी नहीं।

क्या आप अशोक खेमका के किसी विशेष कार्य के बारे में और जानना चाहते हैं? नीचे कमेंट करें!

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