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अलोक जोशी: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के दिग्गज | Alok Joshi: A Stalwart of India’s National Security

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया तंत्र में अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए प्रसिद्ध, अलोक जोशी एक पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के प्रमुख और नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (NTRO) के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। अप्रैल 2025 में, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो भारत की सुरक्षा रणनीति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। यह ब्लॉग अलोक जोशी के जीवन, शिक्षा, करियर, और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान पर प्रकाश डालता है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जन्मस्थान: अलोक जोशी का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ, जो उनकी सांस्कृतिक और बौद्धिक जड़ों को दर्शाता है।
शिक्षा: उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (Postgraduate) की डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने खुफिया और सुरक्षा विश्लेषण में उनकी गहरी समझ को मजबूत किया।
प्रशिक्षण: अपने करियर के दौरान, जोशी ने यूनाइटेड किंगडम के वेस्ट यॉर्कशायर पुलिस ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में एक कमांड कोर्स पूरा किया। इस प्रशिक्षण ने उनकी पुलिसिंग और सुरक्षा संचालन में विशेषज्ञता को और निखारा।

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में करियर

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) में नेतृत्व

स्पेशल सेक्रेटरी (2010): 2010 में, जोशी को R&AW में स्पेशल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। इस भूमिका में, उन्होंने विदेशी खुफिया संचालन की देखरेख की और भारत की वैश्विक सुरक्षा रणनीति को मजबूत किया।
R&AW प्रमुख (2012–2014): 30 दिसंबर 2012 को, जोशी ने R&AW के सचिव (Secretary R) का पद संभाला। उनकी नियुक्ति तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दो वर्ष के लिए या अगले आदेश तक स्वीकृत की थी।

नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (NTRO) के अध्यक्ष

कार्यकाल (2015–2018): R&AW से सेवानिवृत्त होने के बाद, जोशी को NTRO का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह भारत की प्रमुख तकनीकी खुफिया एजेंसी है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB)

अन्य भूमिकाएँ और योगदान

व्यक्तिगत गुण और विरासत

रणनीतिक दूरदर्शिता: जोशी को उनकी रणनीतिक सोच और ऑपरेशनल विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। R&AW, NTRO, और NSAB में उनकी नियुक्तियाँ उनके जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की क्षमता को दर्शाती हैं।
आधुनिक सुरक्षा प्रणाली: NSA अजीत डोवल के साथ मिलकर, जोशी ने भारत की सुरक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्तमान प्रासंगिकता: 2025 में NSAB के अध्यक्ष के रूप में, जोशी का नेतृत्व पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण है। उनकी साइबर सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी रणनीतियाँ आधुनिक सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं।

निष्कर्ष

अलोक जोशी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के एक मजबूत स्तंभ हैं। उनकी यात्रा, लखनऊ से लेकर R&AW, NTRO, और अब NSAB तक, उनके समर्पण और विशेषज्ञता को दर्शाती है। 2025 में, जब भारत क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जोशी का नेतृत्व देश की सुरक्षा रणनीति को नई दिशा दे रहा है।

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